ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, "भारत में हृदय रोग के कारण सालाना 17 लाख लोगों की मौत हो जाती है. दिल का दौरा एक आपात स्थिति है जिसमें समय पर मदद मिलना महत्वपूर्ण है."
चिकित्सकों का मानना है कि जब दिल के दौरे की बात आती है, तो समय ही सब कुछ है और समय पर इलाज होने पर रोगी के जीवित रहने की संभावना दोगुनी हो जाती है. सिबिया मेडिकल सेंटर ने दवाइयों के बक्से (पिल बॉक्स) के साथ 'की चेन' देने की शुरुआत की है ताकि व्यक्ति के पास हमेशा ही जीवन को बचाने वाली दवा हो. पिल बॉक्स के साथ 'की चेन' उन मरीजों के लिए वरदान साबित होगी, जिन्हें दिल की बीमारियों का खतरा बहुत अधिक है.
सिबिया मेडिकल सेंटर के निदेशक डॉ. एस. एस. सिबिया कहते हैं, "सोर्ब्रिटेट और एस्पीरिन दवाएं हृदय रोगियों की सबसे अच्छी दोस्त हैं. हम अपने मरीजों को इन जीवन रक्षक दवाओं वाले पिल बॉक्स के साथ एक 'की चेन' देते हैं और उन्हें इन्हें अपने वाहन में रखने या इसमें महत्वपूर्ण चाबियों को रखने की सलाह देते हैं. इस तरह जीवन रक्षक दवाएं हमेशा उनके पास रहेंगी."
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एस्पीरिन टैबलेट को चबाने या पानी में घोलकर लेने पर रक्त पतला होता है और सॉर्ब्रिटेट टेबलेट को जीभ के नीचे रखने पर हृदय की मांसपेशियो में रक्त की आपूर्ति बढ़ती है.
डॉ. सिबिया ने कहा, "लोग अक्सर इन गोलियों को अपने पास रखना भूल जाते हैं. इसलिए 'की चेन' पिल बॉक्स बनाया गया है, ताकि इमरजेंसी में मरीज को यह दवाई मिल सके."
उन्होंने कहा, "अगर दिल का दौरा पड़े, तो समय गंवाए बिना यह दवाई खाएं और मदद के लिए किसी को बुलाएं या फोन कॉल करें और शीघ्र से शीघ्र अस्पताल पहुंचने की कोशिश करें."
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