मोटापा अपने साथ बहुत सारी बीमारियां लेकर आता है और इसका सबसे ज्यादा नुकसान दिल को होता है, मोटापे की वजह से दिल की धड़कने अनियमित हो जाती हैं. लेकिन वजन कम कर हार्ट को हेल्दी रखा जा सकता है. हाल ही में हुई रिसर्च से पता चला है कि 10 फीसदी वजन घटाने के साथ जोखिम कारकों से जुड़े प्रबंधन से एट्रियल फाइब्रिलेशन (एएफ) के प्रभाव में कमी आ सकती है. यह स्ट्रोक के प्रमुख कारक में से है, जिससे मोटापाग्रस्त लोगों में हर्ट फेल्योर हो सकता है.
वजन घटाने वाले लोगों में इसके कम लक्षण दिखाई दिए और उन्हें कम इलाज की जरूरत पड़ी और उन्हें बेहतर नतीजे हासिल हुए.
Comments ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड विश्वविद्यालय के मिलिसा मिडेलडोर्प ने कहा, "यह पहली बार है कि ऐसे साक्ष्य पाए गए हैं कि मोटापाग्रस्त लोग जो एट्रियल फाइब्रिलेशन से पीड़ित हैं, वजन कम करके व जीवनशैली में सुधार लाकर इस बीमारी का इलाज खुद कर सकते हैं."
वजन घटाने वाले लोगों में इसके कम लक्षण दिखाई दिए और उन्हें कम इलाज की जरूरत पड़ी और उन्हें बेहतर नतीजे हासिल हुए.
Comments ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड विश्वविद्यालय के मिलिसा मिडेलडोर्प ने कहा, "यह पहली बार है कि ऐसे साक्ष्य पाए गए हैं कि मोटापाग्रस्त लोग जो एट्रियल फाइब्रिलेशन से पीड़ित हैं, वजन कम करके व जीवनशैली में सुधार लाकर इस बीमारी का इलाज खुद कर सकते हैं."
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एएफ एक क्रमिक बढ़ने वाली बीमारी है, जिसमें शुरुआती कमी, स्थितियों के साथ लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं. मोटापा व जीवनशैली से जुड़े कारक इसकी बढ़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं. (इनपुट-आईएएनएस)फैशन, ब्यूटी, हेल्थ, ट्रैवल, प्रेग्नेंसी, पेरेंटिंग, सेक्स और रिलेशनशिप से जुड़े तमाम अपडेट के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं.