भारत के राज्य मध्य प्रदेश से दिल को दहला देने वाली खबर आई है. इस राज्य में हर दिन 61 बच्चे भूख से मर रहे हैं. इन बच्चों की उम्र शून्य से पांच साल है. हर साल सिर्फ 1 साल तक की ही उम्र के लगभग 6,024 बच्चे भूख से मरते हैं. वहीं, एक से पांच वर्ष आयु के 1,308 बच्चों की मौत हुई है. इस तरह कुल 7,332 बच्चों की मौत हुई है.
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विधानसभा में कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत के एक सवाल के जवाब में महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने दी. कांग्रेस विधायक ने महिला बाल विकास मंत्री से पूछा था कि फरवरी 2018 से मई तक 120 दिनों में कुल कितने बच्चे कम वजन के पाए गए और उनमें से कितने की मौत हुई. चिटनीस की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया है कि कम वजन के 1,183,985 बच्चे पाए गए, वहीं अति कम वजन के 103,083 बच्चे पाए गए. बच्चों की मौत का कारण विभिन्न बीमारियां बताई गई हैं.
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रावत का कहना है, "राज्य सरकार ने कुपोषण दूर करने के तमाम दावे किए, मगर बच्चों को नहीं बचाया जा सका है, यह दुखद है. बीते 120 दिनों में 7,332 बच्चों की मौत से साफ होता है कि हर रोज 61 बच्चे मर रहे हैं."
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मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 14 सितंबर, 2016 को समीक्षा बैठक में श्वेत-पत्र जारी करने के निर्देश दिए थे, समिति का गठन किया जा चुका है, मगर समीक्षा के बिंदुओं का निर्धारण नहीं हो पाया है.श्वेत-पत्र के लिए समिति की बैठक भी नहीं हुई.Commentsमां का दूध भविष्य में बच्चों को बचाता है इस बीमारी से
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