
अक्सर ऐसा होता है कि हम रोजमर्रा की जिंदगी से परेशान होकर कहीं दूर जाना तो चाहते हैं, लेकिन हमारा काम और जिम्मेदारियाँ एक लंबी छुट्टी की इजाजत ही नहीं देती. ऐसे में अक्सर लोग मन को मार कर जीने पर मजबूर हो जाते हैं. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इससे इतर एक दूसरा रास्ता तलाश लेते हैं और काम, जिम्मेदारियों और रोज-रोज की भागदौड़ के बीच जीवन को खुलकर जी भी लेते हैं... अब यह आपको तय करना है कि आप किस तरह से अपने जीवन को जीना चाहते हैं...
जिंदगी सिर्फ काटने के लिए नहीं है, इसे खुलकर जीने के लिए है. और भई ऐसा कौन होगा जो जिंदगी में ट्रैवल की अहमियत को न समझे. लेकिन अक्सर रोजमर्रा के काम और ऑफिस से ट्रैवल के लिए वक्त निकाल पाना बहुत मुश्किल होता है. जो लोग ट्रैवल करते हैं, उन्हें ऑफिस से स्पेशली इसके लिए छुट्टी लेनी पड़ती है. लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप ऑफिस के साथ-साथ बिना छुट्टी लिये कर पाएंगे ट्रैवल...
बैंग-बैंग, इट्स वीकेंड
जो लोग ऑफिस का काम भी पूरा करते हैं और खुश भी रहते हैं वे वीकएंड को कैश करते हैं. मतलब आप वीकेंड और पब्लिक छुट्टियों के आस-पास काम से अलग छुट्टियां लेते हैं. आप चाहें तो ऐसा करने के बजाए आप छुट्टियां शुरू होने से पहले थोड़ा काम जल्दी खत्म कर निकलें और वापस थोड़ा लेट आ जाएं.
वर्क ट्रिप है बेस्ट
वर्क ट्रिप, इससे बेहतर क्या होगा. जरा सोचिए कि आपको काम के साथ ट्रैवल करने का मौका भी मिले. और ट्रिप का खर्च भी कंपनी उठाए.
काम का वक्त
कई कम्पनियां ऐसी हैं जो ट्रैवल पसंद करने वालों के लिए वक्त थोड़ा ऊपर-नीचे कर देती हैं. अगर आपकी कंपनी ऐसा नहीं करती तो इसके लिए ऑफिस में ज्यादा काम करें और जिस वीकेंड आपको ट्रैवल न करना हो उन दौरान ऑफिस में काम करके बाद में उन्हीं ऑफ्स को लेकर ट्रैवल के लिए इस्तेमाल करें. और, इस बारे में पहले ही मैनेजमेंट से बात करें ताकि कोई कंफ्यूजन न रहे.
ज्यादा दूर नहीं, तो यहीं कहीं...
अगर आप सभी जतनों के बाद भी समय नहीं निकाल पा रहे हैं, तो अपने शहर के आसपास कोई ऐसी जगह तलाशें जहां आना जाना ज्यादा टाइम टेकिंग न हो. जहां आप 3-4 में पहुंच सकें और अगले दिन वापसी भी कर सकें.
बात साफ-साफ
अगर आप ऐसे फिल्ड में हैं जहां काम का प्रेशर ज्यादा ही रहता है. तो नई जॉब की शुरूआत करते हुए कंपनी से अपनी ट्रैवल हॉबी के बारे में जरूर बात करें. इससे आप और कंपनी दोनों ही काम को आपके ट्रैवल में रुकावट नहीं बनने देंगे.
जिंदगी सिर्फ काटने के लिए नहीं है, इसे खुलकर जीने के लिए है. और भई ऐसा कौन होगा जो जिंदगी में ट्रैवल की अहमियत को न समझे. लेकिन अक्सर रोजमर्रा के काम और ऑफिस से ट्रैवल के लिए वक्त निकाल पाना बहुत मुश्किल होता है. जो लोग ट्रैवल करते हैं, उन्हें ऑफिस से स्पेशली इसके लिए छुट्टी लेनी पड़ती है. लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप ऑफिस के साथ-साथ बिना छुट्टी लिये कर पाएंगे ट्रैवल...
बैंग-बैंग, इट्स वीकेंड
जो लोग ऑफिस का काम भी पूरा करते हैं और खुश भी रहते हैं वे वीकएंड को कैश करते हैं. मतलब आप वीकेंड और पब्लिक छुट्टियों के आस-पास काम से अलग छुट्टियां लेते हैं. आप चाहें तो ऐसा करने के बजाए आप छुट्टियां शुरू होने से पहले थोड़ा काम जल्दी खत्म कर निकलें और वापस थोड़ा लेट आ जाएं.
वर्क ट्रिप है बेस्ट
वर्क ट्रिप, इससे बेहतर क्या होगा. जरा सोचिए कि आपको काम के साथ ट्रैवल करने का मौका भी मिले. और ट्रिप का खर्च भी कंपनी उठाए.
काम का वक्त
कई कम्पनियां ऐसी हैं जो ट्रैवल पसंद करने वालों के लिए वक्त थोड़ा ऊपर-नीचे कर देती हैं. अगर आपकी कंपनी ऐसा नहीं करती तो इसके लिए ऑफिस में ज्यादा काम करें और जिस वीकेंड आपको ट्रैवल न करना हो उन दौरान ऑफिस में काम करके बाद में उन्हीं ऑफ्स को लेकर ट्रैवल के लिए इस्तेमाल करें. और, इस बारे में पहले ही मैनेजमेंट से बात करें ताकि कोई कंफ्यूजन न रहे.
ज्यादा दूर नहीं, तो यहीं कहीं...
अगर आप सभी जतनों के बाद भी समय नहीं निकाल पा रहे हैं, तो अपने शहर के आसपास कोई ऐसी जगह तलाशें जहां आना जाना ज्यादा टाइम टेकिंग न हो. जहां आप 3-4 में पहुंच सकें और अगले दिन वापसी भी कर सकें.
बात साफ-साफ
अगर आप ऐसे फिल्ड में हैं जहां काम का प्रेशर ज्यादा ही रहता है. तो नई जॉब की शुरूआत करते हुए कंपनी से अपनी ट्रैवल हॉबी के बारे में जरूर बात करें. इससे आप और कंपनी दोनों ही काम को आपके ट्रैवल में रुकावट नहीं बनने देंगे.
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